Episode Synopsis " माना हम धनवान हुए हैं "
मदन मोहन गुप्त -- एक विचारक ,एक चिंतक ,विचारों की एक गहन तन्द्रा...भारतीयता की एक पावन रचना ... सनातन संस्कारों का पावित्र...अपना हो कर भी जो अपने पास नहीं ...उस ईश्वर को तलाशती एक यायावर जिन्दगी ...जो संसार भर की मिट्टी में ...विचारों के बीज बो कर...संस्कारों की फसल उगना चाहती है... एक ऐसी आत्मा जो परमात्मा के ही गुण गाती है ...संप्रति से पत्रकार, सम्पादक दैनिक जागरण, रीवा, यू.एन.ओ. कामन वैल्थ,चोगम,अथॆ समिट,इकोनोमिक फोरम,जैसे अनेकों अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भागीदारी ...80 से अधिक विदेशों की यात्राएं ...अनेकों बार विभिन्न भारतीय प्रधानमंत्रीयों के साथ विदेश प्रवास...जीवन की धन्यता...श्री राम जन्म भूमि के मुकदमें में 31 वषॆ तक हिन्दू प्रतिवादी क्र.28 के रूप में इलहाबाद हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक मुकदमा लङा तथा प्रभु श्री राम की कृपा से विजई हुए ...माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने फाइनल निर्णय मे आठ बार मदन मोहन गुप्त के नाम अथवा क्र.का उल्लेख किया ।