8 अगस्त : परमेश्वर की दया को याद रखना

07/08/2025 4 min
8 अगस्त : परमेश्वर की दया को याद रखना

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Episode Synopsis

“यहोवा का यह वचन अमित्तै के पुत्र योना के पास पहुँचा : ‘उठकर उस बड़े नगर नीनवे को जा, और उसके विरुद्ध प्रचार कर; क्योंकि उसकी बुराई मेरी दृष्‍टि में बढ़ गई है।’ परन्तु योना यहोवा के सम्मुख से तर्शीश को भाग जाने के लिए उठा, और याफा नगर को जाकर तर्शीश जानेवाला एक जहाज़ पाया; और भाड़ा देकर उस पर चढ़ गया कि उनके साथ यहोवा के सम्मुख से तर्शीश को चला जाए।” योना 1:1-3



परमेश्वर को लोगों को बचाने में आनन्द आता है।



जब परमेश्वर ने अपने सेवक योना को नीनवे जाने और वहाँ की बुराइयों के कारण उनके खिलाफ प्रचार करने का आदेश दिया, तो संकोच करने वाला यह भविष्यद्वक्ता जानता था कि लोग अपनी बुराइयों से पश्चाताप कर सकते हैं और परमेश्वर अपनी दया से प्रतिक्रिया दे सकता है (योना 4:2 देखें)। उसे पता था कि परमेश्वर “दयालु और अनुग्रहकारी, कोप करने में धीरजवान्त, और अति करुणामय और सत्य, हजारों पीढ़ियों तक निरन्तर करुणा करने वाला, अधर्म और अपराध और पाप का क्षमा करने वाला है, परन्तु दोषी को वह किसी प्रकार निर्दोष न ठहराएगा” (निर्गमन 34:6-7)। उसे यह सत्य पता था कि परमेश्वर एक दिन भविष्यद्वक्ता यिर्मयाह के द्वारा यह कहेगा: “जब मैं किसी जाति या राज्य के विषय कहूँ कि उसे उखाड़ूँगा या ढा दूँगा अथवा नष्ट करूँगा, तब यदि उस जाति के लोग जिसके विषय मैंने यह बात कही हो अपनी बुराई से फिरें, तो मैं उस विपत्ति के विषय जो मैंने उन पर डालने की ठानी हो पछताऊँगा” (यिर्मयाह 18:7-8)।



योना जानता था कि परमेश्वर का हृदय दया से भरा हुआ है—इसलिए योना ने परमेश्वर के आदेश का पालन करने से मना कर दिया। क्यों? स्पष्टतः, उसे नीनवे के लोग पसन्द नहीं थे और यह समझ में भी आता है, क्योंकि नीनवेवासी आक्रामक, क्रूर, और हिंसक मूर्तिपूजक थे और इस्राएल के लिए भयावह शत्रु थे। योना नहीं चाहता था कि प्रभु उन्हें बचाए—तो जब बाद में नीनवे के लोग अपनी बुराइयों से मुड़े, “यह बात योना को बहुत ही बुरी लगी, और उसका क्रोध भड़का” (योना 4:1)। योना महसूस करता था कि वे परमेश्वर के न्याय के पात्र थे। और वह सही था! लेकिन शुक्र है कि राष्ट्रों, नगरों और व्यक्तियों के साथ व्यवहार करने के परमेश्वर के तरीके हमारे तरीकों से अलग हैं। परमेश्वर की इच्छा दया दिखाने की है, न्याय लाने की नहीं।



नीनवे पर परमेश्वर की करुणा हमें याद दिलाती है कि वह नहीं चाहता कि कोई नाश हो, और वह लोगों को बचाने में आनन्दित होता है, खासकर उन लोगों को जो कम से कम योग्य दिखते हैं (2 पतरस 3:9)। योना केवल वहीं प्रचार करना चाहता था जहाँ वह चाहता था और जिन्हें वह चाहता था। लेकिन सुसमाचार का सन्देश सब स्थानों में सभी के लिए है। आज यीशु का शुभ समाचार “अच्छे” लोगों तक ही सीमित नहीं है, अर्थात उन लोगों तक जो हमारे जैसे दिखते, सोचते और कार्य करते हैं। वास्तव में, यीशु ने अपने अनुयायियों से कहा, “जाओ . . . सब  जातियों के लोगों को चेला बनाओ” (मत्ती 28:19, विशेष बल दिया गया है)।



क्या विशाल दया है! परमेश्वर गर्वीले, जिद्दी और विरोधी लोगों का उत्साह से पीछा करता है—जैसे मैं, जैसे आप। वह हमें उत्साही होने के लिए बुलाता है, ताकि हम “नाश होते हुओं को बचाएँ, मरते हुओं की देखभाल करें,” ताकि “हम उन्हें यीशु के बारे में बताएँ, जो उनका उद्धार करने में सक्षम है।”[1] त्रिएक परमेश्वर पापी लोगों को बचाना चाहता है—वह उनके उद्धार की इतनी चाहत रखता है कि उनके लिए मरने आ गए। क्या आपका दिल उसके जैसा है? यदि हाँ, तो आप अपने आस-पास के लोगों के उद्धार की चाहत करेंगे—फिर वे चाहे जो भी हों और उन्होंने कुछ भी किया हो—उन्हें यीशु के बारे में बताने के लिए आप अवश्य जाएँगे।



  1 कुरिन्थियों 9:19-23



पूरे वर्ष में सम्पूर्ण बाइबल पढ़ने के लिए: भजन 74–76; प्रेरितों 27:1-26 ◊





[1] फैनी क्रोस्बी, “रेस्क्यू द पेरिशिंग” (1869).