Listen "तुम"
Episode Synopsis
इस पर्दे के पार से थोड़ेधुंधले दिखते हो तुमपर्दा तो ये सूती है पररेशम लगते हो तुम । तुम आते हो और रंग बदल जाता है मेरे चेहरे काहै जिसमे मेरी दुनिया खुशवो मौसम लगते हो तुम। मुझतक आती है हवा जो अबसुगंध सुहानी लाती हैहवा का अपना इत्र है यामहकते रहते हो तुम ?मैं छत पर बैठा रातों में जब ऊपर देखा करता हूँतारे से तारा जोड़ता हूँ औरबनते रहते हो तुम। नपी-तुली एक दूरी परहम रहते है एक दूजे सेमुझे बताओ, क्या तब भीमेरी धड़कन सुनते हो तुम? मैं शायद तुमसे कभी नहीकह सकूँगा ये बातें मिलकरमेरे सिरहाने दबी हुई डायरी में रहते हो तुम। -विदित
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