"Krishna '- Krishnabhakti has blessed me to write a poem related to Bhagwan Shrikrishna. -Eira.

03/02/2019 3 min

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Episode Synopsis

Radhe Krishna.
निल
अक्ष शाम वर्ण
मुख पे वह तेज स्वर्ण
राधा के" मन "का धनी
संग है बांसुरी सुहानी
बंधू भी सखा भी
माँ और बाप भी
तुझसे जो मन बंध गया हैं
भावना का संग जुडा है .
हर दम अब साथ तू है
धरती और अंबर सा
दिया और बा ती सा
कृष्णा तू बस एक तू है
चारो और बस तू ही तू हैं
मयूर पंख सा कोमल तू
वज्र सा कर्तव्यकठोर तू
क्षुधा तू त्रिषणा तू
रूप तू रंग तू
प्यार तू गीत तू
राह तू मंझिल तू
रास्ता और राही तू
कष्टती और किनारा भी तू
हर दम का सहारा तू
पलको का दुलारा तू
जगदीश्वर तू
मुरलीमनोहर तू
मीत तू
मन तू
मै ही तू
तू ही तू
कृष्णा अब मोहे भक्ती दे
कृष्णा अब शक्ती दे
कृष्णा अब संगी दे
कृष्णा अब साथी दे
कृष्णा कर दे वाजत से
कृष्णा मन दे कोमल सा
की दुःख सभी के दूर कर सकू
और उनके दिल फिर तेरे प्यार से भार सकू
फिर एक बार सारथ्य कर ..
सच्चई का
धर्म का
पुण्याई का
ज्ञान का
की संगी साथी आचुके हैं
तेरे दर्शन सें पावन होने को .
तेरे प्यार भरी मुरली सुन ने को
राधा संग बरस जा
दुनिया को प्यार एक बार और सिखला जा
ए कृष्णा
मेरे कान्हा
देर से सही पर तेरे प्यार में तेरे हमेशा के लिए हो दिये हम
तेरी चरण धुली मस्तक पे ल गा ने के लिये ..अब बहोत तरस गये हम !
नील अक्ष शाम सुन्दर
तुझे मिलने को तरस गये हम !
आज ...आजा ...बरस जा ..!
एक एक पल तेरे प्यार के लिए तरस गये हम .
हरे कृष्णा !
राधे राधे ..!-डिव्हाईन ईरा .