सारे जहाँ से अच्छा (शब्द-इक़बाल, आवाज-वैभव)

सारे जहाँ से अच्छा (शब्द-इक़बाल, आवाज-वैभव)

Vaibhav's podcast

19/06/2020 3:02PM

Episode Synopsis "सारे जहाँ से अच्छा (शब्द-इक़बाल, आवाज-वैभव)"

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोसिताँ हमाराहम बुलबुलें हैं इसकी यह गुलसिताँ हमाराग़ुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन मेंसमझो वहीं हमें भी दिल हो जहाँ हमारापरबत वह सबसे ऊँचा, हम-साया आसमाँ कावह संतरी हमारा, वह पासबाँ हमारागोदी में खेलती हैं इसकी हज़ारों नदियाँगुलशन है जिनके दम से रश्क-ए-जनाँ हमाराऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा! वह दिन हैं याद तुझकोउतरा तेरे किनारे जब कारवाँ हमारामज़्हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखनाहिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोसिताँ हमारायूनान-ओ-मिस्र-ओ-रूमा सब मिट गए जहाँ सेअब तक मगर है बाक़ी नाम-ओ-निशाँ हमाराकुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारीसदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमाराइक़्बाल! कोई महरम अपना नहीं जहाँ मेंमालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहाँ हमारा

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